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हॉटस्पॉट तक ही रह सकता है लॉकडाउन का चौथा चरण

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नई दिल्ली । कोरोना के खिलाफ लॉकडाउन का चौथा चरण हॉटस्पॉट इलाके तक ही सिमट कर रह सकता है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मई को खत्म हो रहे लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डा हर्षवर्धन सहित कई वरिष्ठï मंत्रियों के साथ चर्चा की। इस दौरान महानगरोंं से अपने अपने गृह राज्य लौटे श्रमिकों को तत्काल रोजगार मुहैया कराने के लिए सभी बड़ीसरकारी परियोजनाओं के साथ मनरेगा से जुड़े कामों में तेजी लाने का फैसला किया गया। गौरतलब है कि मंगलवार को ही पीएम ने राष्टï्र के नाम संदेश में कहा था कि लॉकडाउन के चौथे चरण का रंग रूप बदला बदला होगा।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में ज्यादातर मंत्रियों की राय थी कि लॉकडाउन को जिले के बदले उन इलाकों तक सीमित कर दिया जाए जहां इसका प्रभाव ज्यादा है। पूरे जिले में लॉकडाउन उसी स्थिति में लागू किया जाए जब कोरोना वायरस का फैलाव संबंधित जिले के कई हिस्सों में फैला हो। इसके अलावा इस बैठक में महानगरों में सैनिटाइज और शारिरिक दूरी की तर्ज पर सार्वजनिक परिवहन शुरू करने पर भी सहमति बनी। गौरतलब है कि सरकार इस बैठक से पूर्व ही सीमित संख्या में रेल सेवा बहाल कर चुकी है, जबकि हवाई सेवा भी शुरू करने की घोषणा कर चुकी है।
बैठक में उपस्थिति एक मंत्री के मुताबिक सरकार की योजना अब धीरे धीरे देश में उत्पादन इकाईयों को शुरू करने के साथ आम लोगों तक रकम पहुंचाने के लिए सरकारी योजनाओंं को युद्घ स्तर पर शुरू करने की है। इसलिए बैठक में सभी बड़ी सरकारी योजनाओंं की स्थिति और इन योजनाओं को आगे बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा हुई। सरकार चाहती है कि बड़ी सडक़ योजनाओं के साथ मनरेगा को तत्काल और तेजी से शुरू करने का फैसला हुआ। दरअसल सरकार को बड़ी संख्या में श्रमिकों के इस त्रासदी के बीच अपने अपने गृह राज्य पहुंचने के बाद उनके रोजगार की चिंता है।
सार्वजनिक परिवहन पर चर्चा
बैठक में खासतौर पर सार्वजनिक परिवहन शुरू करने और लॉकडाउन के दौरान पहले से शुरू हो चुके रेल सेवा को और तेजी से शुरू करने पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में रेल सेवा को जल्द ही सामान्य स्तर पर बहाल करने की तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया गया है। यह भी तय किया गया है कि विभिन्न महानगरों की स्थिति को देखते हुए बस और टैक्सी सेवा शुरू करने की भी इजाजत दी जाए।
एक साल के कार्यकाल पर चर्चा
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष 30 मई को पूरा हो रहा है। बैठक में इस मामले की तैयारी पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक पहले साल की उपलब्धियों के रूप में कोरोना संकट के बीच सरकार द्वारा किए गए राहत उपायों की भी व्यापक प्रचार की रणनीति बनी। गौरतलब है कि इससे पहले सरकार के स्तर पर उपलब्धियों का बुकलेट छापने की रणनीति बनाई गई थी। सूचना प्रसारण मंत्रालय को बुकलेट छापने की जिम्मेदारी देते हुए कहा गया था कि इसमें अनुच्छेद 370 हटाने, नागरिकता संशोधन कानून लागू करने जैसी उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन किया जाए।

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