मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को सूखा प्रभावित किसानों के कर्ज माफ करने को कहा, तो शाम होते-होते उप्र सरकार ने छोटे किसानों के एक लाख रुपए तक के फसल कर्ज माफ करने का एलान कर दिया। रात तक महाराष्ट्र से भी ऐसे संकेत मिलने लगे। वहां के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने संकेत दिए कि महाराष्ट्र में भी भाजपानीत सरकार किसानों की कर्जमुक्ति पर विचार कर रही है। कई अन्य राज्यों में भी इस तरह मांग तेज हो गई है। मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के कर्ज माफ करने का आदेश दिया है। किसी हाई कोर्ट द्वारा कर्जमाफ करने के आदेश का संभवत: यह पहला मामला है। साथ ही अदालत ने सहकारी समितियों और बैंकों से कहा है कि वे बकाया वसूली करने से बचें। नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन की याचिका पर जस्टिस एस. नागामुथु और जस्टिस एमवी मुरलीधरन की खंडपीठ ने कहा किराज्य की वित्तीय हालत काफी खस्ता है। सूखे के इस साल में जब किसान आत्महत्या कर रहे हैं, राज्य सरकार अकेले ही कर्ज का बोझ उठा रही है। सरकार पहले ही 5,780 करोड़ रुपए का भार अकेले उठा रही है और उस पर 1,980.33 करोड़ रुपए का बोझ और बढ़ जाएगा।