
देहरादून । उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी मंच ने बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया। केंद्रीय अध्यक्ष जबर सिंह रावत पावेल की अगुवाई में बड़ी संख्या में आंदोलनकारी शहीद स्मारक पर इकठ्ठा हुए। यहां प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। स्मारक स्थल पर आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए पावेल ने कहा कि उत्तराखंड की सरकार अपने ही राज्य आंदोलनकारियों को भुला चुकी है। आंदोलनकारियों की किसी भी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जिनके बलिदान से उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ आज उनकी आवाज उठाने वालों की कोई सुनवाई नहीं है। इससे पहले आंदोलनकारियों ने डीएम के मार्फत प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण लाभ अविलंब प्रदान किया जाए। जारी सभी शानसनादेशों को शक्ति से लागू किया जाए। साथ ही सभी आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन के दायरे में लाया जाए। इसके अलावा परिवहन निगम की बसों में आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी निशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की जाए। राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों के दो दो बच्चों को तकनीकी शिक्षा और उच्च व्यवसायिक कोर्स निशुल्क करने की सुविधा मिले। इस मौके पर संरक्षक भगवान सिंह पंवार और रविंद्र प्रधान, केंद्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रभा नैथानी, केंद्रीय महामंत्री लक्ष्मी रावत, चमन देवी, अरविंद गुप्ता, मुकेश गुप्ता, राजकुमार बतरा, राकेश शर्मा, घनानंद नौटियाल, उमा जोशी, शोभा देवी, लक्ष्मी देवी गुसाई, पार्वती रतूड़ी, जमना थापा, शांति देवी जोशी, मधु डबराल, केएस कंडवाल, प्रभात डंडरियाल, सुशीला देवी, महेश्वरी देवी, राम सिंह कश्यप आदि मौजूद रहे।
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