चमोली उत्तराखंड से केशर सिंह नेगी की रिपोर्ट
वनस्पतियां प्रकृति की अनुपम देन है और पृथ्वी पर पारिस्थितिकी सन्तुलन कायम रखने में अहम भूमिका निभाती है। हमें अगर अपना भविष्य सुरक्षित रखना है तो वनस्पति और वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति सचेत होना होगा। यह बात जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने विरही में आयोजित वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह के समापन समारोह में वन्य जीवों की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कही। कार्यक्रम में वन्य जीव सप्ताह के दौरान उत्कृष्ठ कार्य करने वाले कार्मिकों एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। वन्य जीव सुरक्षा के तहत वन विभाग की ओर से 01 से 07 अक्टूबर तक पूरे जिले में विविध कार्यक्रम आयोजित कर वन्य जीवों के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान वन्य जीव जागरूकता रैली, गोष्ठी, वाद-विवाद व चित्रकला प्रतियोगिता तथा स्कूली बच्चों को शैक्षिक भ्रमण भी कराया गया। सोमवार को विरही में वन्य जीव सुरक्षा के तहत वन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि हम सभी को पर्यावरण और पारिस्थितिकी को समझने और उसको संरक्षित रखने के लिए मिलकर कार्य करने की जरूरत है। कहा कि जंगल तथा उसमें रहने वाले वन्य जीव प्रकृति के अनमोल उपहार है और पारिस्थितिकी संतुलन के लिए इनका बने रहना बेहद जरूरी है। उन्होंने जंगल एवं वन्य जीवों को बचाने के लिए जल संचय करने तथा सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से बंद करने पर जोर दिया। कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के कारण आज पर्यावरण बूरी तरह से दूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि वन संपदा को बचाने के लिए आज फिर से चिपको जैसे आन्दोलन चलाने की जरूरत है। इस दौरान जिलाधिकारी ने वनों एवं वन्य जीवों की सुरक्षा में सराहनीय कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के कार्मिकों को पुरस्कृत भी किया। इनमें वन क्षेत्राधिकारी गोपाल सिंह बिष्ट, धीरेश बिष्ट, आरती मैठाणी, डबल सिंह खाती, वन दरोगा पृथ्वी सिंह नेगी, नारायाण सिंह भिंगवाल, पशुचिकित्सा अधिकारी डा0 शीबा हुसैन शामिल है। वही विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूकता पैदा करने के लिए सहायक अध्यापिका बीना रानी तथा दिब्या पंवार को भी सम्मानित किया गया। वन्य जीव सप्ताह के दौरान रैली, वाद विवाद, चित्रकला तथा निबन्ध प्रतियोगिता में विजेता छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में उप वन संरक्षक केदारनाथ अमित कंवर, उप वन संरक्षक बद्रीनाथ आशुतोष सिंह तथा उप वन संरक्षक अलकनंदा सर्वेश कुमार दुबे ने वन्य जीव सप्ताह के दौरान आयोजित विविध जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए वन्य जीवों के महत्व के बारे में समझाया। कहा कि प्रकृति में खाद्य श्रृखला का संतुलित होना बेहद आवश्यक है। इस श्रृंखला में से किसी भी एक कडी में असंतुलन होने से सारे पारिस्थितिकी संतुलन बिगड जाता है। कहा कि जंगलों के दोहन, वनाग्नि जैसी घटनाओं के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, जिसको रोकने के लिए सभी को जागरूक होकर कार्य करना होगा। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, डीएफओ अमित कंवर, डीएफओ आशुतोष सिंह, डीएफओ अलकनंदा सर्वेश कुमार दुबे, एसडीओ अमरेश कुमार, सीएमओ डा0 अनूप कुमार डिमरी, जीएमडीआईसी डा0 एमएस सजवाण, जिला पर्यटन विकास अधिकारी वृजेन्द्र पांडेय आदि सहित वन विभाग के अन्य कार्मिक तथा जीजीआईसी की शिक्षिकाएं व छात्राएं मौजूद थी।
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