उत्तराखंड ( चमोली ) से केशर सिंह नेगी की रिपोर्ट
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर पोखरी ब्लाक के जिलासू तहशील के अंतर्गत गिरसा गांव में स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंद िर में श्री कृष्ण भगवान की झांकी निकली गयी और क्षेत्रीय ग्रामीण महिलाओं द्वारा मंदिर में कीर्तन भजन व पूजा अर्चना की गई । इस अवसर पर वन विभाग द्वारा पुजारी के हाथों श्रद्धालुओं को प्रसाद के साथ फल व छायादार वृक्षों का वितरण कर उनकी रक्षा के लिए वन विभाग द्वारा शपथ भी दिलाई गई और मंदिर परिसर में वृक्षारोपण किया गया ।
1 / उत्तराखंड के पहाड़ो में कण कण में देवी देवताओं का वास है , इसलिए यह देवभूमि के नाम से जानी जाती है । चमोली जिले के जिलासु तहशील के अंतर्गत गिरसा गांव में स्थित श्री लक्ष्मी नारायण के मंदिर में आस्था, विश्वास व परम्परा का भब्य जन सैलाब देखने को मिला । कान्हा के इस मंदिर में आज यहाँ पर दूर दूर से क्षेत्रीय लोग पूजा अर्चना करने पहुचे और महिलाओं द्वारा मन्दिर परिसर में कीर्तन भजन कर कान्हा को प्रसन्न किया गया ।
2 / मंदिर में पूजा अर्चना का मौका था तो वन विभाग ने भी टीवी पत्रकार जितेन्द्र पंवार की पहल पर मंदिर परिसर में वृक्षारोपण किये जाने को लेकर की एक अनूठी पहल भी शुरू की , केदारनाथ वन प्रभाग द्वारा मंदिर में आम , पीपल , रुद्राक्ष , आंवला व बोतलब्रुस के पौधौ को मंदिर के पुजारी द्वारा मंदिर में आये श्रद्धालुओं को प्रसाद के साथ वितरित किये गये , साथ ही वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को वनों की रक्षा करने की शपथ भी दिलाई गई ताकि सभी लोग वृक्षो की रक्षा करें ।
3 / आस्था व विश्वास व परम्परा का प्रतीक लक्ष्मी नारायण मंदिर गिरसा में वन विभाग द्वारा पर्यावरण को आस्था से जोड़ने की इस अनोखी पहल पर मन्दिर परिसर में पूजा अर्चना करने पहुचे महिलाओं ने भी मानव जीवन मे वनों के महत्व को समझते हुए वृक्षारोपण के इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और प्रतिज्ञा ली कि सभी लोग वृक्षो को अपने बच्चो की तरह पालेंगे और उनकी रक्षा भी करेंगे ।
मेरे विचार : पहाड़ो की शांति वादियों में अनेकों अनेक मठ मंदिर है जिनका की आदि गुरु शंकराचार्य जी द्वारा जीर्णोद्धार किया गया है । इनमें सभी मंदिर अपनी विशेष पहचान से जाने जाते है । त्यौहारो के मौके पर क्षेत्रीय लोगो द्वारा इन मंदिरो में विशेष पूजा अर्चना की जाती है । ताकि गांव में सुख शांति बनी रहे । वन विभाग द्वारा मंदिर में वृक्षारोपण कर अनूठी पहल की शुरू की गई है । सरकारों को चाहिए कि पहाड़ो में बने इन मंदिरों को पर्यटन के मानचित्र पर लाये ताकि देश विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को यहां के मन्दिर व मठो के बारे में जानकारी मिल सके ताकि पर्यटन को भी बढ़ावा मिले ।
