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देशभर में चलेगा एक ही राशन कार्ड

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नईदिल्ली (आरएनएस)। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि आम लोगों की सुविधा के लिए देश में एक साल के अंदर ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्डÓ के निर्णय को लागू किया जाएगा। पासवान ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि उनके मंत्रालय ने ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्डÓ का निर्णय लिया है। इस योजना को आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा ने लागू किया है।  उन्होंने कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में अनाज का भंडार है और उनका मंत्रालय पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति तथा लड़कियोंं के छात्रावासों को गरीबी रेखा के नीचे की दर पर अनाज उपलब्ध कराएगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से पहले के प्रावधानों के तहत दो रुपए किलो गेहूं तथा तीन रुपये किलों चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। गांवों में 75 प्रतिशत और शहरों में 50 प्रतिशत लोगों को इस दर पर अनाज उपलब्ध कराया जाता है।  पासवान ने कहा कि राशन लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं हैं। लाभार्थी राशन कार्ड के साथ अपने पहचान के कोई अन्य दस्तावेज दे सकता है। खाद्य सुरक्षा कानून के बाद 79 करोड़ से अधिक लोगों को इसका फायदा मिल रहा है। उन्होंने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कोई भी राज्य सरकार भूखमरी की बात स्वीकार नहीं करती है। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि अब गोदामों में अनाज के सडऩे की समस्या नहीं है। देश में 2068 कुल गोदाम हैं जिनमें से 563 भारतीय खाद्य निगम के तथा 1505 किराए के गोदाम हैं। इन गोदामों में कुल 862 लाख टन अनाजों के भंडारण की क्षमता है जबकि सालाना सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरण के लिए 610 लाख टन अनाजों की जरुरत है। इस समय गोदामों में 741 लाख टन अनाजों का भंडार है। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में अनाज आने के बाद सड़ता नहीं है। अनाजों की खरीद राज्यों में होती है और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उसकी ही है।

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