B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
Mob.9528727656
जिस पल हर तीसरा दिल केवल माँ भारती का हो जाएगा
उसी पल देश की माटी से जिहाद का ज़र्रा-ज़र्रा मिट जाएगा।
चुनाव का यह मौका देश-दुनिया में आतंकवाद (जिहाद) का काल बन जाए
लड़ रहे हो
लड़ा रहे हो
भिड़ रहे हो
भिड़ा रहे हो
स्वार्थों के शोले भड़का कर
दिलों में नफरत धड़का कर
जगह-जगह देश में जा-जाकर
शैतानों वाले नारे चिल्लाकर
दड़बों से अपने आ-जा कर
संकीर्ण खयालों में आकर
स्वार्थों की लड़ाई में अंधे होकर
मार रहे हो तुम बढ़ चढ़ कर
सत्ता के अरमानों में खोकर
देश के रुतबे को ठोकर
मत-दाताओ उठो गहरी नींद में सोकर
पहचानो सत्ता के लोभी जोकर।
सीखो अभिनन्दन से सीखो
फिर एक दूसरे पर चीखो
जब वह झपटा था दुश्मन पर
जो आ रहा था हमारा काल बनकर
एफ-सोलह पर सवार होकर
बचाया अभिनन्दन ने हमें ढाल बनकर
भारत माँ का लाड़ला लाल बनकर।
अगर अभिनन्दन जात-पात में उलझ जाता
क्षेत्र-प्रदेश की झंझट में बँट जाता
नौकरी पेशे के लोभ में फँस जाता
तो क्या वह शूरवीर कहलाता
ताकतवर एफ-सोलह का गुरूर तोड़ पाता
माँ भारती का गौरव बन पाता
अपने महान माता-पिता का माथा ऊँचा कर पाता
नहीं, केवल एक विंग कमान्डर बन कर रह जाता।
हम सब भी हैं सैनिक
मतदान पर्व नहीं हैं दैनिक
बढ़ो अभिनन्दन की तरह आगे
दागो वोट की मिसाइल ऐसे
सर्जिकल स्ट्राइक हो जैसे
देश का हर दुश्मन पीठ दिखाकर भागे
माँ भारती के लिए छाती तानकर आओ आगे।
-जय भारत -जय जवान -जय किसान -जय विज्ञान
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