B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
अमर शहीदों को मिला उचित सम्मान
धरती बोल रही है
अम्बर बोल रहा है
भारत माता के सपूतों का
तन-मन डोल रहा है
वीरों-परमवीरों के बलिदानों की
यहाँ धूम मची है
एक से बढ़कर एक गाथा
इन्होने खूब रची है।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का कण-कण
पाती-पाती बूटे-बूटे का मन
देशभक्ति की धुन में रमा है
वीरों-परमवीरों की वीरता का
बँध गया अजब समाँ है।
देशभक्ति और वीरता का
मौसम यहाँ जवाँ है
भारत माता के चरणों में कुर्बानी का
वीरोचित कारवाँ यहाँ रवाँ है
हवाओं ने भी यहाँ गाकर यही कहा है
गगन ने भी तो झुककर गुनगुना दिया है
देश के अमर शहीदों का यही अजब शिला है।
-जय भारत -जय जवान
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