B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
भारत माता का मान-सम्मान, रण में कर देंगे खुद को कुर्बान
हे भारत माता
तेरे एक-एक लाल की शहादत का हिसाब लेंगे
लहू की हर एक बूँद का इन्साफ लेंगे
दुश्मन की हिमाकत का माकूल जवाब देंगे
तेरे मान-सम्मान पर खेलखूद हावी नहीं होने देंगे
का़तिलों से क्रिकेट के मैदान में नहीं
जंग-ए-मैदान में दो-दो हाथ करेंगे।
हाँ हमारी भारत माता
अनाड़ियों को माफ कर दे माता
कुछ नासमझ नहीं मानते
तेरी औलाद होकर तुझे नहीं जानते
तेरे सैनिकों की शहादत को भी नहीं मानते
तेरी इबादत का भाव नहीं रखते
बैट-बल्ले को सलाम बजाते
धन और शोहरत के नशे में रहते
तेरी मर्यादा का ध्यान नहीं धरते
इस घड़ी में भी मनोरंजन की बात हैं करते
लोगों के आक्रोश से डरकर माफी की माँग करते
एक पलड़े में भारत माता तुझको
दूसरे पलड़े में क्रिकेट को हैं रखते।
ऐ मेरे देशवासियो दुनिया को चेता दो
दो टूक अपना इरादा जता दो
फरेबी क़ातिल पड़ोसी को बता दो
हम भारत माता के लाड़ले शहीदों को नहीं भूलते
हम भारत माता का सौदा खेल से नहीं करते
हम अपनी माता के सम्मान में हैं मर-मिटते
भारत माता से नहीं जिनके दिली रिश्ते
वे अहंकार में समझ रहे खुद को फरिश्ते।
-जय भारत -जय जवान