हरिद्वार (संवाददाता)। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार सहित गंगा व अन्य घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और दान करके पुण्य लाभ भी अर्जित किया।
कार्तिक पूर्णिमा के स्थान के बाद दान का भी महत्व है। आस्था है कि इस दिन दीपदान और पिंडदान करने से कई पीढ़ी तक जीवन सुधर जाता है। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के साथ ही सूर्य देवी की उपासना की। साथ ही दान देकर पुष्ण भी अर्जित किया। हरिद्वार में एक ओर जहां गंगा तट गंगा मैया के जयघोषों से गुंजायमान रहे, वहीं मठ-मंदिरों में घंटे-घडिय़ाल बजते रहे।
सुबह से शुरू हुए पावन स्नान में श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। श्रद्धालु सुबह चार बजे से ही गंगा स्नान के लिए हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों पर पहुंचने लगे थे।
हरकी पैड़ी के पौराणिक स्थल ब्रह्माकुंड में श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ रही। जितने श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाकर लौट रहे थे, उससे अधिक श्रद्धालु गंगा तटों की ओर रुख करते दिखाई दे रहे थे।
इस दौरान श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान कर सुख शांति की कामना की। उन्होंने गंगा तट पर ही श्री हरि विष्णु-भगवान की पूजा-अर्चना की। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
भीड़ के चलते रोडवेज बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भी आम दिनों की अपेक्षा खांसी चाल पहल दिख रही है। कई रूटों पर रोडवेज की ओर से अतिरिक्त बसें भी चलाई गई। रेलवे स्टेशन पर भीड़ के चलते सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नजर आए। ऋषिकेश में कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और गरीबों को दान कर पुण्य अर्जित किया। सुबह से ही श्रद्धालुओं का त्रिवेणी घाट सहित मुनिकीरेती, लक्ष्मण झूला, स्वर्गाश्रम स्थित गंगा तट पर पहुंचना शुरू हो गया था। मुख्य रूप से त्रिवेणी घाट में आसपास क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य जनपदों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। गंगा तट पर स्नान और पूजन के बाद श्रद्धालुओं ने यहां गरीबों को खाद्य सामग्री और फल वितरित किए। यहां के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों में भी कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। गंगा तट पर हादसों को रोकने के लिए जल पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।
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