चम्पावत (संवाददाता)। सीमांत ग्राम पंचायत हरम के ल्वार्की तोक के लोगों को करीब दो किमी दूर मवेशियों वाले गदेरे से पानी ढोकर प्यास बुझानी पड़ रही है। इस दूषित पानी से ग्रामीणों में बीमारी का भय भी बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि डेढ़ साल से गांव का इकलौता हैंडपंप खराब पड़ा हुआ है। तमाम शिकायतों के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है। उन्होंने पेयजल समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। स्थानीय निवासी प्रिया महर ने बताया कि गांव में कई साल पहले एक हैंडपंप लगाया गया था। डेढ़ साल पूर्व वह हैंडपंप अचानक सूख गया था। तमाम शिकायतों के बाद भी उस हैंडपंप की मरम्मत नहीं हुई। जल संस्थान ने उस हैंडंप को ड्राई घोषित कर दिया है। इसके चलते गांव के करीब 70-80 लोगों को करीब दो किमी दूर गदेरे से पानी ढोने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिस गदेरे से ग्रामीण पीने का पानी ला रहे हैं, उसी गदेरे में पालतू और आवारा मवेशी भी प्यास बुझाते हैं। इसके चलते ग्रामीणों में बीमारी का भय पनपने लगा है। आश्वासन दिया है। इधर ग्रामीण शंकर सिंह, पूजा महर, मोहन सिंह, राजू सिंह ने तत्काल पेयजल की समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। भंडारबोरा के जिपं सदस्य बसंत पुनेठा नेकहा कि उन्होंने इस मामले को विधायक के समक्ष उठाया है। विधायक ने शीघ्र समस्या के निदान का आश्वासन दिया है। जल संस्थान चम्पावत के एई आरके वर्मा का कहना है कि ल्वार्की तोक में हैंडपंप खराब होने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। इसकी जानकारी लेकर उस गांव में तत्काल पेयजल आपूर्ति बहाल कराई जाएगी।
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