देहरादून (सू0वि0)। उत्तराखण्ड सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्ण डिजिटलाइजेशन, पारदर्शिता व गति सुनिश्चित करने उद्देश्य से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में ई हेल्थ-सेवा डेशबोर्ड का शुभारम्भ किया। ई-हैल्थ सेवा डैशबोर्ड के तहत ई-पर्ची, ई-रक्तकोश, ई औषधि, ई-हैल्थ सेन्टर तथा टेलीमेडिसन की सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध होगी। मरीजों की पर्ची, दवाईयों व ब्लड की उपलब्धता, टेलीमेडिसन की सुविधा व अस्पतालों में ऑनलाइन पंजीकरण, मोबाईल हैल्थ वैन की उपलब्धता की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक व ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री, शासन व महानिदेशालय स्वास्थ्य, अस्पतालों की निरन्तर मॉनिटरिंग कर पायेंगे। इसके साथ ही उत्तराखण्ड हैल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना के तहत जिला अस्पताल टिहरी व सामुदायिक केन्द्र को गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं पहुचानें हेतु हिमालय इंस्टिट्यूट जौलीग्रांट तथा परियोजना (स्वास्थ्य) विभाग के मध्य एमओयू हस्ताक्षर किया गया। राज्य में नेशनल हैल्थ मिशन के माध्यम से 108 आपातसेवा में 61 एम्बुलेंस अक्टूबर माह तक शामिल कर ली जाएगी। इसके साथ ही 78 एम्बुलेंस बसों को खरीदने की प्रक्रिया गतिमान है। इन्हें दिसम्बर अन्त तक 108 आपातसेवा में सम्मिलित कर लिया जाएगा। नेशनल हैल्थ मिशन के माध्यम से ही राज्य के विभिन्न दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टरों के आवास हेतु 22 हॉस्टलों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में सेवा देने वाले डॉक्टरों को प्रोत्साहित किया जा सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुचाने और आमजन तक सरलता से चिकित्सा सेवाएं पहुचाने के लिए अस्पतालों में आई टी का प्रयोग किया जा रहा है। गत डेढ साल में स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, अनुशासन व कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता के लिए अच्छे प्रयास हुए है। राज्य सरकार दूरस्थ क्षेत्रों में भी डॉक्टर नियुक्त करने में सफल रही है। सूचना प्रौद्योगिकी, टेली मेडिसन के द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। हमारे लिए आमजन की सतुष्टि व संतोष सर्वोपरि है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अस्पतालों में अच्छी सुविधाओं व डॉक्टरों व नर्सो की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही अच्छा वातावरण बनाने के भी प्रयास होने चाहिए। डॉक्टरों का व्यवहार अच्छा वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ई हेल्थ-सेवा डशबोर्ड के द्वारा अस्पतालों व स्वास्थ्य सेवाओं में न केवल पारदर्शिता व स्वास्थ्य विभाग को प्रशासनिक व प्रबन्धन कार्यो में सहायता मिलेगी बल्कि रिसर्च करने वाले डॉक्टरो व चिकित्सा अनुसंधानकर्ताओं को भी आकड़े उपलब्ध होंगे। गौरतलब है कि ई-हैल्थ सेवा डैशबोर्ड के तहत ई-पर्ची द्वारा मरीज किसी भी स्थान से अपना ऑनलाइन पंजीकरण किसी भी अस्पताल में करवा सकेगे। ई-रक्तकोष के माध्यम से अस्पतालों में ब्लड की उपलब्धता की ऑनलाइन जानकारी मिलेगी। ई औषधि के माध्यम से अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता व आपूर्ति की जानकारी मिल सकेगी। ई-हैल्थ सेवा डैशबोर्ड के द्वारा विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टरों की उपलब्धता, मरीजों की संख्या, मरीजों को अस्पतालों में दवाईयां मिल रही है या नहीं, ऑनलाइन रजिस्टेऊशन से कितने मरीज अस्पताल पहुंच रहे है, डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की उपस्थिति, शुल्क की जानकारी मिल सकेगी। उत्तराखण्ड हैल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना के अन्तर्गत अन्य कार्यों यथा बडे चिकित्सालयों में गुणवत्ता परख स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता हेतु उनके एन.ए.बी.एच. से मान्यता हेतु सभी आवश्यकतायें पूरी की जाने, शिशुओं एवं वरिष्ठ नागरिक हेतु ओ.पी.डी. सेवा में इंश्योरेंस तथा विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण के साथ-साथ समूहवार क्षेत्रवार चिकित्सा संस्थानों को लोक निजी सहभागिता के अन्तर्गत निजी सेवा प्रदाताओं के माध्यम से संचालित किये जाने की योजना/प्राविधान है। इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव नितेश झा, उत्तराखण्ड हैल्थ सिस्टम डेवलेपमेंट परियोजना के परियोजना निदेशक युगल किशोर पंत, अपर परियोजना अधिकारी डॉ.प्रेम लाल तथा हिमालयन इन्स्टीट्यूट संस्थान जौलीग्रांट की ओर से विजय धस्माना, एम.मुत्थु माधवन तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं अधिकारी उपस्थित थे।
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