नई दिल्ली (संवाददाता)। भूकंप से प्रभावित तुर्किये के इलाकों में१० भारताीय फंसे हुए हैं, हालांकि वे सुरक्षित हैं। इसके साथ ही एक नागरिक अभी भी लापता है। विदेश मंत्रालय के सचिव संजय वर्मा ने प्रेस कांफ्रेस करके तुर्किये के हालात और वहां फंसे भारतीयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तुर्किये में १९३९ के बाद में आई यह सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है। हमें सहायता के लिए तुर्की की ओर से एक ईमेल प्राप्त हुआ और बैठक के १२ घंटे के भीतर, दिल्ली से तुर्की के लिए उड़ानें रवाना हुईं। उन्होंने बताया, इसके बाद दो एनडीआरएफ और दो मेडिकल टीमों को भी भेजा गया। हमने तुर्किये के अदाना में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। विदेश सचिव ने बताया कि तुर्किये में करीब ३००० भारतीय रहते हैं। इनमें से लगभग १८०० लोग इस्तांबुल और उसके आसपास रहते हैं, वहीं, २५० अंकारा में हैं और बाकी लोग पूरे देश में फैले हुए हैं। विदेश सचिव ने आगे बताया कि हमें करीब ७५ लोगों के फोन आए हैं, जिन्होंने हमारे दूतावास से सूचना और सहायता के बारे में पूछा है। भारत ऑपरेशन दोस्त के तहत चार सैन्य परिवहन विमानों में तुर्किये को राहत सामग्री भेज चुका है। वहीं एनडीआरएफ डीजी अतुल करवाल ने बताया, हमारी दो टीमें वहां पहुंची हैं। कुल ७ वाहन, १०१ बचावकर्ता-जिसमें ५ महिला बचावकर्मी और ४ खोजी कुत्ते शामिल हैं। ये टीमें पहले से ही ऑपरेशन में हैं। उन्होंने बताया, पहली टीम अदाना एयरपोर्ट पर उतरी और दूसरी को उर्फा डायवर्ट कर दिया गया क्योंकि अदाना में भीड़ थी।
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