-ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती: बाजारों की बढ़ेगी रौनक
-राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त के रूप में २४ लाख किसानों को १७४५ करोड़ रूपए का भुगतान
-राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के ४.६६ लाख हितग्राहियों को ११५.८० करोड़ रूपए का भुगतान
-गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में आएंगे ५.५९ करोड़ रूपए
रायपुर (जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 17 अक्टूबर को अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार की तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों, गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर विक्रेता ग्रामीणों और पशुपालकों तथा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत हितग्राहियों के खाते में कुल १८६६ करोड़ ३९ लाख ३२ हजार रूपए का ऑनलाईन अंतरण करेंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और बाजारों की रौनक बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री इसके साथ ही साथ प्रदेश में नवगठित १० राजस्व अनुविभागों और २५ तहसीलों का उद्घाटन करेंगे तथा नामांतरण प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए नामांतरण पोर्टल के नये वर्जन का शुभारंभ भी करेंगे।
मुख्यमंत्री बघेल ज्राजीव गांधी किसान न्याय योजनाज् की वर्ष २०२१-२२ की तीसरी किस्त के रूप में प्रदेश के २३ लाख ९९ हजार ६१५ किसानों को कुल १७४५ करोड़ रूपए, ज्राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजनाज् के तहत वित्तीय वर्ष २०२२-२३ की राशि के रूप में ४ लाख ६६ हजार ८८० हितग्राहियों को ११५ करोड़ ८० लाख ३२ हजार रूपए और गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को ५ करोड़ ५९ लाख रूपए की राशि का ऑनलाईन भुगतान करेंगे। इस तरह मुख्यमंत्री एक ही दिन में तीनों योजनाओं के हितग्राहियों के खाते में कुल १८६६ करोड़ ३९ लाख ३२ हजार रूपए का ऑनलाईन अंतरण करेंगे।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल च्राजीव गांधी किसान न्याय योजनाच् के तहत वर्ष २०२१-२२ की तृतीय किस्त के रूप में २३ लाख ९९ हजार ६१५ किसानों को १७४५ करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जाएगा। इसमें से धान की फसल लेने वाले २३ लाख ०२ हजार ७३७ किसानों को १६७९ करोड़ ५९ लाख रूपए, अन्य फसल लेने वाले ०१ लाख ९८ हजार ७५४ किसानों को ६० करोड़ ९७ लाख रूपए, धान के बदले अन्य फसल लेने वाले १७ हजार ५२३ किसानों को ०४ करोड़ ३८ लाख रूपए तथा वृक्षारोपण करने वाले २२२ किसानों को ०६ लाख रूपए की आदान सहायता का भुगतान किया जाएगा।
च्राजीव गांधी किसान न्याय योजनाच् के तहत खरीफ वर्ष २०१९, खरीफ वर्ष २०२० और खरीफ वर्ष २०२१ की दो किश्तों को मिलाकर किसानों को अब तक १४६७० करोड़ १० लाख रूपए की आदान सहायता दी जा चुकी है। १७ अक्टूबर को वितरित की जा रही योजना की तीसरी किश्त को मिलाकर यह राशि बढ़कर १६,४१५ करोड़ १० लाख रूपए हो जाएगी। खरीफ वर्ष २०१९ में धान उत्पादक १८ लाख ४३ हजार ३७० किसानों को १० हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से ५६२७.०२ करोड़ रूपए, खरीफ वर्ष २०२० में धान उत्पादक २० लाख ५९ हजार ०६८ किसानों को ९ हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से ५५५३.०८ करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। खरीफ वर्ष २०२१ में धान सहित योजना में शामिल समस्त फसलों का उत्पादन करने वाले २३ लाख ९९ हजार ६१५ किसानों को दो किश्तों में ३४९० करोड़ रूपए की आदान सहायता वितरित की जा चुकी है।
धान उत्पादक किसानों को आदान सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष २०१९ से राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू की गई। खरीफ वर्ष २०२१ से कृषि एवं उद्यानिकी फसल उत्पादक किसानों को प्रति वर्ष ९ हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि का प्रावधान रखा गया था। खरीफ वर्ष २०२०-२१ में यह प्रावधान किया गया कि किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किए गए रकबे में यदि धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड, अन्य अनाज, दलहन तिलहन, उद्यानिकी फसल ली जाती है तो सालाना प्रति एकड़ १० हजार रूपए की आदान सहायता देने का प्रावधान किया गया है। इसी तरह वृक्षारोपण करने पर लगातार तीन वर्ष तक प्रति एकड़ १० हजार रूपए आदान सहायता देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किसानों के हित में लागू की गई इस योजना का प्रदेश की खेती-किसानी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। किसानों की संख्या और खेती के रकबे में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इस योजना से खरीफ वर्ष २०१९ में लाभान्वित किसानों की संख्या १८ लाख ४३ हजार ३७० से बढ़कर खरीफ वर्ष २०२१ में २३ लाख ९९ हजार ६१५ हो गई है। छत्तीसगढ़ किसानों को सबसे अधिक आदान सहायता प्रदान करने वाला देश का अव्वल राज्य है। छत्तीसगढ़ की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को फसलों के आधार पर सालाना क्रमशः ९ हजार रूपए प्रति एकड़ तथा १० हजार रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता दी जा रही है।
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना
मुख्यमंत्री बघेल ज्राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजनाज् के तहत आज जिन हितग्राहियों को अनुदान सहायता राशि का भुगतान करेंगे, उनमें वर्ष २०२२-२३ की द्वितीय किस्त के रूप में ३ लाख ५४ हजार ७४४ हितग्राहियों को २ हजार रूपए के मान से कुल ७० करोड़ ९४ लाख ८८ हजार रूपए का भुगतान, योजना के ८६ हजार १६२ नए सामान्य हितग्राहियों को वर्ष २०२२-२३ की प्रथम एवं द्वितीय किस्त के रूप में दो-दो हजार रूपए के मान से ३४ करोड़ ४६ लाख ४८ हजार रूपए की राशि तथा वित्तीय वर्ष २०२२-२३ में इस योजना के लाभार्थी के रूप में शामिल बैगा, गुनिया, पुजारी, हाट पहरिया, बाजा मोहरिया श्रेणी के २५ हजार ९७४ हितग्राहियों को वर्ष २०२२-२३ की प्रथम एवं द्वितीय किस्त के रूप में दो-दो हजार रूपए के मान से कुल १० करोड़ ३८ लाख ९६ हजार रूपए की राशि का ऑनलाईन भुगतान करेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र के भूमिहीन कृषि मजदूर के परिवारों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष २०२१-२२ में ज्राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजनाज् प्रारंभ की गई है। इस योजना के ३ लाख ५५ हजार ४०२ हितग्राहियों को ०३ फरवरी २०२२ को योजना की प्रथम किस्त तथा ३१ मार्च २०२२ को द्वितीय किस्त मिलाकर कुल १४० करोड़ रूपए का भुगतान किया गया था। इसी तरह वित्तीय वर्ष २०२२-२३ की प्रथम किश्त के रूप में ३ लाख ५४ हजार ७६६ हितग्राहियों को २१ मई २०२२ को ७० करोड़ ९५ लाख ३२ हजार रूपए की राशि वितरित की गई थी। इस तरह इस योजना में अब तक हितग्राहियों को २१० करोड़ ९५ लाख ३२ हजार रूपए का भुगतान किया जा चुका है। १७ अक्टूबर को वितरित की जा रही राशि को मिलाकर इस योजना में हितग्राहियों को वितरित राशि बढ़कर ३२६ करोड़ ७५ लाख ६४ हजार रूपए हो जाएगी। इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष २०२१-२२ में हितग्राहियों को सालाना ६ हजार रूपए की अनुदान सहायता देने का प्रावधान रखा गया था, जिसमें वित्तीय वर्ष २०२२-२३ में संशोधन कर हितग्राहियों को सालाना तीन किस्तों में ७ हजार रूपए की अनुदान सहायता देने का प्रावधान किया गया है। वित्तीय वर्ष २०२२-२३ में इस योजना के लाभार्थियों के रूप में पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी, हाट पहरिया, बाजा मोहरिया, पूर्व में छूटे हुए हितग्राहियों एवं नवीन आवेदकों को शामिल किया गया है।
गोधन न्याय योजना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गोधन न्याय योजना के तहत वितरित की जा रही ५ करोड़ ५९ लाख रूपए की राशि में से गोबर विक्रेता पशुपालकों और ग्रामीणों को ४.२२ करोड़ रूपए, महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रूप में ५२ लाख रूपए तथा गौठान समितियों को ८५ लाख रूपए का भुगतान किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत १७ अक्टूबर को वितरित की जाने वाली राशि को मिलाकर गोबर खरीदी के एवज में गोबर बेचने वाले पशुपालकों एवं ग्रामीणों को भुगतान की जाने वाली राशि बढ़कर १७४ करोड़ ५६ लाख रूपए हो जाएगी। स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि बढ़कर ६४ करोड़ ७८ लाख रूपए तथा गौठान समितियों को भुगतान होने वाली राशि बढ़कर ९८ करोड़ ७९ लाख रूपए हो जाएगी। योजना के तहत अब तक ८७.२८ लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। खरीदे गए गोबर से गौठानों में अब तक १८.६१ लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, ५.३६ लाख क्विंटल सुपर कम्पोस्ट तथा १८ हजार ९२४ क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस का उत्पादन किया जा चुका है। स्व-सहायता समूहों द्वारा गौठानों में संचालित विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों से ८४.५५ करोड़ रूपए की आय प्राप्त की गई है। गोधन न्याय योजना से २ लाख ९३ हजार ४९६ पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं। योजना से ०१ लाख ६१ हजार ५१८ भूमिहीन ग्रामीण तथा ४६ प्रतिशत महिलाएं लाभान्वित हो रही है। राज्य में १०६२४ गौठान स्वीकृत किए गए है, जिनमें से ८४०८ गौठान निर्मित किए जा चुके हैं। प्रदेश में ३०८९ गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। स्वावलंबी गौठानों द्वारा २० करोड़ ६४ लाख रूपए की गोबर की खरीदी की गई है।