-भवन निर्माण हेतु एक करोड़ रुपए देने की घोषणा
-बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स करेगा एंबुलेंस, शव वाहन
और नशा मुक्ति केन्द्र का संचालन
-मुख्यमंत्री द्वारा बस्तर चेम्बर ऑफ कामर्स और रोटरी क्लब द्वारा निर्मित देश का पहला निःशुल्क रोजगार एप ‘जॉब रोटरी एप’ का लोकार्पण किया
रायपुर (जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा जगदलपुर में स्थापित किए जाने वाले मानव सेवा केन्द्र का भूमिपूजन किया। उन्होंने मानव सेवा केन्द्र भवन निर्माण हेतु एक करोड़ रुपए देने की घोषणा भी की। बस्तर अंचल में व्यवसायिक गतिविधियों के साथ जनसेवा में जुटे बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स को शासन द्वारा भूमि उपलब्ध कराई गई है, जिसका उपयोग जरूरतमंदों के लिए संचालित एंबुलेंस और शव वाहन रखने के साथ ही नशा मुक्ति केन्द्र संचालित करने के लिए भी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा लगभग चार माह पहले ही बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स की मांग पर भूमि आवंटित करने की घोषणा की गई थी।घोषणा पर हुए त्वरित अमल के लिए आज बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संस्था द्वारा किए जा रहे लोक कल्याणकारी कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज आपके द्वारा निर्मित किए जाने वाले मानव सेवा केंद्र का भूमिपूजन करने का सौभाग्य मुझे मिला है। बस्तर के व्यापारियों ने हमेशा अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझा है। अपनी माटी की सेवा हमें अपनी जमीन से जोड़ती है। हमारी जड़ों को और गहरा करती है। इस मानव सेवा केंद्र के लिए आप लोगों ने जमीन की मांग की थी। मैंने जमीन उपलब्ध कराने का अपना वादा पूरा कर दिया है। बस्तर का उद्योग-व्यापार जगत खूब आगे बढ़े, तरक्की करे और खुशहाल रहे, यही शुभकामनाएं हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि जब भी मैं बस्तर आता हूं, आप लोगों से जरूर मुलाकात होती है। इस बार मैं प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के सिलसिले में जगदलपुर आया हूं। हर बार आप लोगों से शासन की योजनाओं का फीडबैक मुझे मिलता है। आपके फीडबैक के आधार पर हम अपनी योजनाओं को निखार कर पाते हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस बार मैं पूरे छत्तीसगढ़ की यात्रा कर रहा हूं। पूरे छत्तीसगढ़ के व्यापारियों से बात कर रहा हूं। बस्तर संभाग में सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर के व्यापारियों से भी मैंने बात की है। उनकी जरूरतों और अपेक्षाओं को समझा है। मुझे खुशी होती है कि बीते साढ़े तीन वर्षों में हम न केवल बस्तर के गांवों में खुशहाली ला पाए हैं, बल्कि यहां के उद्योग-व्यापार जगत में भी खुशहाली आई है। कोरोना संकट के बावजूद बस्तर में उद्योग-व्यापार थमा नहीं, निरंतर प्रगति होती रही।