Breaking News

बच्ची हो तू या जवान वस्तु बन गई तू मेरी जान

damini

बनना था दुर्गा तुम सब को
हाय! दलित तू बन बैठी
अत्याचार विरोध का अगवा बनकर
शैतानों पर बिजली बनकर गिरना था
पर हाय! वस्तु भोग की बन बैठी।
बच्ची हो तू या जवान
बस तेरी इतनी सी पहचान
तौली जाती तेरी जान
वस्तु के भाव ऐ मेरी मान।
कहीं लेकर मजहब की आड़
कहीं तुझको बस मौका ताड़
दिल को जूतों से कुचला जाता
शरीर गिद्ध बन नोंचा जाता
देख पड़ी तू लहूलुहान
ऐ दुर्गा नन्ही सी जान
देश मेरा महान कहलाता
पर जंगल का कानून लगाता
सदमे में है स्वयं विधाता
देश मेरा किस दिशा को जाता।

                          Virendra Dev Gaur

                          Chief Editor(nwn)

Check Also

मुख्यमंत्री धामी ने वित्त मंत्री सीतारमण से भेंट कर उत्तराखंड राज्य से संबंधित विषयों पर की चर्चा

देहरादून (सूचना विभाग) ।  मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *