नई दिल्ली । अगले कुछ महीने बाद उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल सत्ता की दावेदारी के लिए बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं। लगातार नेताओं की रैलियां और जनता के बीच योजनाओं का ऐलान किया जा रहा है। चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी है। सोमवार को आयोग की टीम गोवा दौरे पर तीन दिनों के लिए जा रही है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर टीम जायजा लेगी। भारतीय निर्वाचन आयोग अगले साल 5 जनवरी के बाद कभी भी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है। क्योंकि, 2017 विधानसभा चुनाव को लेकर आयोग ने 6 जनवरी को तारीख का ऐलान किया था।
वहीं, चुनाव को नजदीक आता देख, राजनीतिक पार्टियों की लगातार रैलियां की जा रही है। आरोप-प्रत्यारोप और एक-दूसरे पर बयानबाजी का दौर भी जारी है। जातीय समीकरण को साधने में भी पार्टियां आगे नजर आ रही है। सपा की नजर ब्राह्मणों वोटो पर आकर टिक गई है। तभी तो समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष, माता प्रसाद पांडे ने कहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से पूर्वी यूपी में अधिक से अधिक ब्राह्मण उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे।
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