देहरादून (संवाददाता)। एडीजी अशोक कुमार की संवेदनशीलता, तत्परता और सोशल मीडिया की ताकत से मिल गए गुम हुए बच्चे। ऐसा नहीं है कि सोशल मीडिया केवल मनोरंजन के लिए ही है। इसके अपने लाभ भी हैं। सोशल मीडिया केवल चुटकुलों, वायरल मैसेज एवं वीडियो का ही माध्यम नहीं है, इससे कुछ अच्छे काम भी हो जाते हैं। नकारात्मक पहलुओं के बीच सकारात्मक पहलू भी हैं। सोशल मीडिया के कारण दो बच्चे जो गुम हो गये थे, दोबारा अपने परिजनों के पास आ गए। जनपद देहरादून के थाना सहसपुर क्षेत्रान्तर्गत सेलाकुई निवासी संजय व कमलेश के पुत्र क्रिश और सावंत जिनकी उम्र क्रमश: 12 और 13 वर्ष है, बुधवार 18 अप्रैल को अपने-अपने घर से लापता हो गये थे। परिजनों ने सेलाकुई पुलिस को इसकी सूचना दी। जिस पर पुलिस ने क्रिश व सावंत की फोटो के आधार पर उनकी तलाश शुरू कर दी और बस स्टेशन से लेकर रेलवे स्टेशन के साथ ही होटलों के आसपास भी तलाश की। बच्चों के सम्बन्ध में कोई जानकारी न मिलने से निराश परिजनों द्वारा कल सोमवार 23 अप्रैल को अपनी पीड़ा अशोक कुमार, एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था को बताई। अशोक कुमार द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्राधिकारी विकासनगर से फोन पर वार्ता कर गुमशुदा बच्चों को तुरंत बरामद करने तथा उनकी जानकारी को सोशल मीडिया मंच के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित करने हेतु निर्देशित किया गया। जिस पर सहसपुर पुलिस ने अपनी सक्रियता बढ़ायी और बच्चों की फोटो के साथ सोशल मीडिया ग्रुप्स में मैसेज भेजे। पुलिस का सोशल मीडिया मंच का सहारा लेना काम आया और 10 घण्टों के अन्दर ही गुमशुदा बच्चों को खोज निकाला। अजय मनचंदा निवासी डोईवाला ने इन दोनों गुमशुदा बच्चों को मणी माई मन्दिर, डोईवाला के पास देखा, जिनका हूलिया पुलिस द्वारा सोशल मीडिया में प्रसारित मैसेज से मिल रहा था। जिस पर उनके द्वारा थाना सहसपुर से सम्पर्क किया गया। पुलिस तुरंत उनके परिजनों को साथ लेकर मणी माई मन्दिर पहुंची। जहां पर परिजनों द्वारा भी उन्हें पहचान लिया गया। अपने बच्चों को वापस पाकर उनकी आंखों से खुशी के आंसु छलक पड़े। परिजनों ने खुशी व्यक्त करते हुए उत्तराखण्ड पुलिस का आभार व्यक्त किया।
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