बर्मा यानी म्यानमार के
रोहिंग्या मुसलमानों के लिये
वकालत पर उतारू-बेचैन फौज
गाहे-बगाहे तन कर हो जाती है खड़ी
राजनीतिक दलों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक।
किन्तु ऋषि कश्यप की
28 सालों से दर-दर की ठोकरें खा रही
उन सनातन सन्तानों के लिये
पूरे देश में वकीलों का पड़ा हुआ है अकाल
जो कश्मीरी पंडित कहलाते हैं
जिन्हे कट्टर जिहादी मुसलमानों ने
बे-आबरू कर भगाया था कश्मीर की वादियों से।
देश में कायम रखने के लिये
सामाजिक-समरसता आने वाली तमाम पीढ़ियों के लिये
पूरे देश को एक स्वर में चिल्लाना होगा
कश्मीरी पंडितों का वनवास खत्म करो
श्री राम का वनवास और घोर अपमान भरा तिरपाल-वास भी खत्म करो।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor(NWN)