जय श्री राम
शौचालय और सोचालय
भारत ने देखा है
प्रधानमंत्री की सूरत में चमत्कार
पहली बार।
जो सोच का सोचालय है
जिसने ठाना गाँवों में भी जरूरी
हर-घर में शौचालय है
सौ प्रतिशत शौचालय युक्त भारत ही
नये भारत की ओर बढ़ता कदम होगा
हर परिवार को छत
हर घर में नल से जल
नये भारत का आज और उभरते भारत का कल होगा।
शौच की मौलिक सुविधा न होना
मातृ शक्ति के लिए थी विकराल विपदा
गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की भरमार
लोगों के स्वास्थय पर पड़ती रही बेरहम मार
लेकिन मोदी जी से पहले
किसी भी प्रधानमंत्री ने इस राष्ट्रीय आपदा पर
किया नहीं कभी विचार
यही है जमीनी-सोच का सोचालय
मोदी जी के स्वभाव में बसे प्रधानमंत्री का देवालय
जहाँ गूँजती है धर्ममय आवाज़
सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास……..।
घुटनों पर बैठे भारत को उठाना
उसे सीधा करना
सधी चाल से आगे बढ़ाना
लक्ष्य पर केंद्रित रखना
बहुत मुश्किल है भारत में
वैचारिक स्वतंत्रता का बगीचा नहीं जंगल है यहाँ
विचारों का आदान-प्रदान नहीं दंगल है यहाँ
भरोसा है, मोदी जी विचलित होने वाले कहाँ।
-वीरेन्द्र देव गौड़