
श्रीनगर गढ़वाल (संवाददाता)। श्रीनगर और कीर्तिनगर क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे बंदरों एवं आवारा कुत्तों की तादाद आम लोगों के लिए मुसीबत बन रही है। अस्पतालों में बंदरों एवं कुत्तों के काटने के मरीज बढ़ रहे हैं। राजकीय संयुक्त अस्पताल श्रीनगर में एक माह कुत्तों एवं बंदरों के काटने लगभग 50-80 मरीज पहुंच रहे हैं। जिससे लोग अस्पतालों में एंटी रेबीज और टिटनेस का टीका लगाने पहुंच रहे हैं। यहीं नहीं कभी-कभी अस्पतालों में टीका न होने पर प्राइवेट मेडिकल स्टोर से लाकर लोगों का लगाना पड़ता है। श्रीनगर नगर क्षेत्र एवं कीर्तिनगर क्षेत्र में आवारा कुत्तों की लगातार तादाद बढ़ रही है। जबकि जंगलों में लगी आग के कारण बंदरों ने भी शहरों की ओर रुख कर दिया है। यहीं नहीं जंगलों में बंदरों के लिए खाने की कमी होने के कारण शहरों और ग्रामीण क्षेत्रो में आ जाते है। ऐसे में कई बार बंदर और कुत्तों के काटने का शिकार आम आदमी हो रहा है। इसमें बच्चे, बुजुर्ग सबसे ज्यादा शिकार हो रहे है। गांवों में खुले स्वास्थ्य केन्द्रों में मुख्यत: बंदर और कुत्तों के काटने पर एंटी रेबीज और टिटनेस का इंजेक्शन कम ही रहता है। ऐसे में लोग इंजेक्शन लगाने के लिए श्रीकोट बेस अस्पताल और राजकीय संयुक्त अस्पताल श्रीनगर पहुंचते है। यहीं नहीं अन्य जिलों से भी ऐसे केस लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले जनवरी माह से जून अब तक बेस अस्पताल में 350 से अधिक मरीज तथा संयुक्त अस्पताल में 250 से अधिक मरीज इंजेक्शन लगाने पहुंच चुके हैं। वहीं वन विभाग को इस तरह के मामले बढऩे पर आवारा कुत्तों एवं बंदरों पर रोकथाम के लिए विशेष प्रयास नहीं किये जा रहे हैं।