ऋषिकेश, 22 फरवरी
दिनेश सिंह सुरियाल
हेलो मैं ट्रैफिक इंचार्ज बोल रहा हूं…आपका बच्चा बिना हेलमेट पहने दुपहिया वाहन चला रहा है… क्या मैं इसे हेलमेट पहना दूं?
इन दिनों सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत ट्रैफिक पुलिस इसी अंदाज में जागरूकता का पाठ पढ़ा रही है। दिलचस्प बात यह है कि इस नई पहल पर बच्चे और परिजन एक साथ सड़क सुरक्षा के प्रति सचेत हो रहे हैं। ट्रैफिक इंचार्ज अनवर खान ने बताया कि हमारा फोकस युवाओं पर है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले बच्चों को रोक कर उन्हें नियमों का पाठ पढ़ाया जा रहा है और उनके परिजनों को भी बताया जा रहा है। दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट न पहनना सबसे बड़ी लापरवाही है जिसकी जिम्मेदारी बच्चों के परिजनों की है।
युवा में हेलमेट और अपनी सुरक्षा के प्रति अंदर से गंभीरता का भाव पैदा होना जरूरी है। इसी के मध्य नजर युवाओं के साथ ही खासकर विद्यार्थियों को रोक कर उनके परिजनों से फोन पर बात की जाती है। उनके संज्ञान में लाकर दुपहिया वाहन चालक को हेलमेट पहना कर भेजा जाता है। इसकी जानकारी परिजनों को जाती है कि उनका बच्चा किस तरह बिना हेलमेट के सड़कों पर फर्राटा भर रहा है।
अक्सर देखने में आया है कि युवा फैशन के चक्कर में बाल खराब ना हो जाए इस कारण हेलमेट को नहीं पहनते हैं। जोकि उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
ऐसे में ट्रैफिक पुलिस के इस नये संवाद का तरीका और हेलमेट पहनना काफी सराहनीय कदम है।