देहरादून । केंद्र सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए योजना शुरू है। इस योजना के तहत उत्तराखण्ड ने ऑस्ट्रेलिया से 240 मरीनों भेड़ों का आयात किया है। इनमें 199 मादा और 41 नर भेड़ों को टिहरी गढवाल के कोपड़ धार में चल रहे राष्ट्रीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र में लाया गया है। इन सभी भेड़ों को तीन साल तक यहां प्रजनन के लिए रखा जाएगा और चैथे साल किसानों को सौंप दिया जाएगा। इन भेड़ों की खास बात यह है कि एक बार में इनसे 6 से 7 किलो ऊन उतारी जा सकती है, जो भारतीय नस्ल की भेड़ों से ज्यादा है। इन भेडों से 8 साल तक ऊन उत्पादन किया जा सकता है। इससे किसानों की आय में दो से तीन गुना तक बढ़ोतरी हो सकती है, जो राज्य में भेड़ व्यवसाय के लिए वरदान साबित होगी सामान्य भेड़ एक बार ऊन कटिंग में 2 से 4 किलो ऊन ही देती हैं। जबकि मरीनो भेड़ों से 6 से 8 किलो तक ऊन का उत्पादन किया जा सकेगा। राज्य में अब तक 588 टन ऊन का उत्पादन होता था। जो अब बढ़कर 1000 से 1500 टन तक होने की संभावना है। इसके साथ ही साथ ही राज्य में अब कॉरपोरेट ऊन की जगह फाइन ऊन का उत्पादन किया जा सकेगा कोपड़ धार भाटगांव भिलंग टिहरी गढ़वाल में स्थापित केंद्र में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत करीब साढ़े आठ करोड़ में लाई गई 240 ऑस्ट्रेलियन मरीनो भेड़ों को रखा गया है। केंद्र प्रभारी डॉ. प्रदीप मिश्रा ने बताया कि इन भेड़ों को अलग-अलग आठ बाड़ों में रखा गया है। जहां 25 मादा भेड़ों के साथ दो नर भेड़ों को रखा गया है। इससे क्राॅस ब्रीडिंग होगी।
साभार-DD News Uttarakhand
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