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नाड़ी से पहचान, हिंदी से संवाद:- वैद्य एमआर शर्मा को राष्ट्रीय सम्मान

 

हरिद्वार, 5 अप्रैल
डीएस सुरियाल

प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद और नाड़ी चिकित्सा के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बना चुके हरिद्वार के नाड़ी वैद्य एमआर शर्मा को हिंदी प्रोत्साहन समिति द्वारा उनके चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए सम्मानित किया गया।
एमआर शर्मा नाड़ी परिक्षण की अद्वितीय विधा से न केवल शरीर की गहराई से जानकारी प्राप्त करते हैं, बल्कि असाध्य मानी जाने वाली बीमारियों का भी सटीक उपचार कर रहे हैं। मरीजों के अनुसार, उनकी “उंगली बोलती है”

जो शरीर का पूरा स्कैन कर लेती है और बीमारी की जड़ तक पहुंच जाती है।

मेरठ निवासी विनय कुमार शर्मा ने बताया कि उनकी माता के पेट में लंबे समय से एक रहस्यमयी बीमारी थी, जिसका कई डॉक्टर और स्कैन रिपोर्ट भी सटीक पता नहीं लगा सके। लेकिन जब वे हरिद्वार में वैद्य एमआर शर्मा के पास पहुंचे, तो उन्होंने मात्र नाड़ी देखकर तुरंत बीमारी की पहचान कर दी और इलाज शुरू किया। कुछ ही दिनों में उनकी माता पूरी तरह स्वस्थ हो गईं।
वैद्य शर्मा सप्ताह में एक दिन हरिद्वार में रोगियों को देखते हैं और उस दिन उनके पास मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ती है। दूर-दूर से लोग केवल उनकी नाड़ी जांच पद्धति का अनुभव लेने पहुंचते हैं।
सम्मान समारोह हरिद्वार स्थित गुरुकृपा औषधालय में आयोजित किया गया, जिसमें समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पंकज कौशिक, महामंत्री कुलभूषण शर्मा और कोषाध्यक्ष हेमंत सिंह नेगी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर वैद्य शर्मा ने यह सम्मान हरिद्वार की जनता को समर्पित करते हुए कहा, “मेरा जीवन जनसेवा के लिए है। मैं मरीजों से हिंदी में संवाद करता हूँ ताकि उन्हें सहजता से अपनी समस्या और उपचार समझ में आए। हमें अधिक से अधिक हिंदी को दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए।”
समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जब समाज के विशिष्ट व्यक्ति आम जनता से हिंदी अपनाने की अपील करते हैं, तो इसका सकारात्मक संदेश पूरे समाज में फैलता है।

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