नरेंद्रनगर, 1 अप्रैल
राजेन्द्र सिंह गुसाई
राजकीय इंटर कॉलेज पावकी देवी में विगत 35 सालों से गणित विषय का पद सृजित न होने पर अभिभावक शिक्षक संघ, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार व शिक्षा विभाग को कुंभकर्णी नींद से जगाने के लिए आज विद्यालय के समीप सांकेतिक धरना दिया।
राजकीय इंटर कॉलेज पावकी देवी का वर्ष 1990 में हाई स्कूल से इंटरमीडिएट में उच्चकृत किया गया था। मगर 35 वर्षों के बाद भी सरकार व शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही के कारण विद्यालय में गणित का विषय सृजित नहीं किया गया है जिसका सीध असर क्षेत्र के नौनिहालों पर पड़ रहा है। जिसके कारण क्षेत्र के छात्र छात्राओं को गणित विषय की पढ़ाई के लिए अन्यत्र विद्यालयों का रुख करना पड रहा है। जिससे छात्र छात्राओं के गरीब अभिभावकों को आर्थिक समस्याओं से भी जूझना पड रहा है। वही दूसरी ओर सरकार पहाडों से पलायन रोकने के लाखों दावे कर रही है। जो कि केवल हवाई साबित हो रहे हैं। राजकीय इंटर कॉलेज पावकी देवी दोगी पट्टी क्षेत्र का मात्र एक शिक्षा का केंद्र है और इस विद्यालय में वर्तमान में लगभग 400 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्यनरत है। विद्यालय में गणित विषय के पद को सृजित करने के लिए अभिभावक शिक्षक संघ, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व सामाजिक कार्यकर्ता विगत कई वर्षों से मांग करते आ रहे हैं, मगर सरकार और विभाग के कानों से जूं तक नहीं रेंग रही है। जिससे आक्रोशित अभिभावक शिक्षक संघ, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विद्यालय के समीप आज सांकेतिक धरना दिया व सरकार व विभाग से विद्यालय में गणित विषय का पद सृजित करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसी सत्र से विद्यालय में गणित विषय का पद सृजित नहीं किया गया तो क्षेत्रीय लोग उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। साथ ही कहा कल यानि दो अप्रैल को एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा निदेशक से मिलेगा और विद्यालय में गणित विषय का पद सृजित करने के लिए मांग पत्र सौंपेगा। धरना देने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता गजेंद्र राणा, सेवानिवृत कर्नल बलबीर सिंह कबसूडी, तेजपाल सिंह राणा, रमेश पुंडीर, विकास चंद्र रयाल, लोकेंद्र कैंतुरा, केदार चौहान, गोविंद चौहान, मेहर चौहान, रमेश जेठूडी, नितिन जेठूडी, जगबीर राणा, महिपाल जेठूडी, ग्राम प्रधान/प्रशासक नाई लक्ष्मी देवी, गोपाल चौहान, जगदीश जेठूडी, शिव शंकर रयाल, सुरमान जेठूडी, अखिलेश चौहान, अनिल चौहान, राजेंद्र चौहान, बिहारी लाल, सुमेद पुंडीर, हरेंद्र कबसूडी, वीरेंद्र सिंह, भजराम, प्रवीण, प्रीतम, ओंकार, धनपाल आदि मौजूद थे।